Holika Dahan 2022: होलिका दहन 2022 भद्राकाल समय, इस समय होलिका दहन करना अशुभ | Boldsky

2022-03-16 439

Holika Dahan 2022 Date: Holika Dahan is done on the full moon date (Purnima Tithi) of Phalguna month. And the next day the festival of Holi is celebrated, in which Holi of Rang-Abir is played. This time due to Bhadrakal people are skeptical about the auspicious time of Holika Dahan, while they are also confused about the date of Holi regarding Pratipada date. If you are also in the same confusion, then know when Holi will be celebrated and what is the auspicious time of Holika Dahan.This time the full moon date is falling for two days, as well as due to the Bhadrakal being on the full moon date, there is a situation of doubt among the people regarding Holi and Holika Dahan. According to Hindu scriptures, Holika Dahan should be done after sunset on the full moon date. But if there is Bhadra Kaal in the meantime, then Holika Dahan should not be done during Bhadrakal. For this one should wait for the end of Bhadrakal. It is very important to have Bhadramukt Purnima date for Holika Dahan. Bhadrakal is considered inauspicious in Hindu scriptures. It is believed that any work done during Bhadrakal is not successful and gives inauspicious results.

होलिका दहन फाल्गुन मास (Phalguna Month) की पूर्णिमा तिथि (Purnima Tithi) को किया जाता है. और इसके अगले दिन होली का त्योहार मनाया जाता है, जिसमें रंग-अबीर की होली खेली जाती है. इस बार भद्राकाल के कारण होलिका दहन के शुभ समय को लेकर लोग संशय में हैं वहीं प्रतिपदा तिथि को लेकर होली की डेट में भी उलझन में हैं. आप भी इसी उलझन में हैं तो जान लें कि कब मनाई जाएगी होली और क्या है होलिका दहन का शुभ समय. इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ रही है, साथ ही पूर्णिमा तिथि पर भद्राकाल होने के कारण लोगों में होली और होलिका दहन को लेकर संशय की स्थिति है. हिंदू धर्म ग्रन्थों के अनुसार, होलिका दहन (Holika Dahan) पूर्णिमा तिथि में सूर्यास्त के बाद करना चाहिए. लेकिन यदि इस बीच भद्राकाल (Bhadra Kaal) हो, तो भद्राकाल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए. इसके लिए भद्राकाल के समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए. होलिका दहन के लिए भद्रामुक्त पूर्णिमा तिथि का होना बहुत जरूरी है. हिंदू शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ माना गया है. ऐसी मान्यता है कि भद्राकाल में किया गया कोई भी काम सफल नहीं होता और उसके अशुभ परिणाम मिलते हैं.

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